Monday, November 14, 2011

मुझे भी गुस्सा आता है...

राहुल गांधी को यूपी में जाने पर गुस्सा आता है.क्योंकि यूपी इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है....इसलिए नहीं कि वहां विकास नहीं हुआ है...भ्रष्टाचार का बोलबाला है...अपराधी बेलगाम हो चुके हैं...रोजगार के अच्छे विकल्प नहीं है....बल्कि इसलिए कि वहां विधानसभा चुनाव होने वाला है...इसलिए सत्ता के बाहर के तमाम राजनीतिक पार्टियों को ऐसा लगता है कि यूपी का हाल बेहाल है....एक पल के लिए राजनीतिक पार्टियों की बातों को सच मान भी ले तो एक सवाल उठता है कि जब राज्य में चुनाव नहीं होते ...तो क्यों ये बदहाली उनको नजर नहीं आती ? ऐसा में राहुल कहते हैं कि उनको यूपी का गुस्सा देखकर गुस्सा आता है...तो मैं कहना चाहुंगा कि जब महंगाई की मार देश की जनता पर पड़ती है..पेट्रोल के दाम में बेतहासा वृद्धि होती है...सरकार में शामिल मंत्री करोड़ों रूपये गबन कर जाते हैं...तब राहुल को गुस्सा क्यों नहीं आता ?

हमारे नेताओं के ऐसे बयान से मुझे भी गुस्सा आता है जब हमारे देश के जिम्मेदार नेता सच से मुंह मोड़कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश करते हैं.....एक बात यहां क्लीयर कर देना चाहता हूं कि मैं यूपी के विकास को कोई सर्टिफिकेट नहीं दे रहा...सिर्फ इस सवाल का जवाब चाहता हूं कि किसी राज्य की बदहाली हमारे नेताओं को चुनाव के आने पर ही क्यों दिखाई देता है...क्या इसलिए कि वे आज भी मानते हैं कि अपनी चिकनी चुपड़ी भाषणों से जनता को बड़गला सकते हैं...हमारे नेता आज भी अगर ऐसा मानते हैं तो बिहार और प. बंगाल के विधानसभा चुनाव से सबक लेना चाहिए...जहां लोगों ने नेताओं की बातों में आए बगैर विकास के लिए वोट दिया...और उसका असर वहां दिखाई दे रहा है...