Sunday, August 1, 2010

ये दुर्घटना ही थी....

बारिश के बहाने आपने अब तक कई सारे काम किये होंगे….कुछ अच्छे कुछ बुरे...कुछ सोचे कुछ बिना सोचे...उनमे बहुत कुछ आप भूल गये होंगे मैं भी भूल जाता हूं....लेकिन कुछ ऐसी घटना और दुर्घटना भी हो जाती है...जिसे हम कभी भूल नहीं पाते...ऐसी ही एक दुर्घटना पिछले शनिवार यानी 31 जुलाई को हो गई...इसे मैं पूरी तरह दुर्घटना मानता हूं....लेकिन इसमें मेरा नुकसान नहीं हुआ उल्टे फायदा ही हुआ...लेकिन मानवता के नाते इसे मैं अपना नुकसान ही मानता हूं....
दफ्तर से निकला तो बारिश शुरू हो गई...लेकिन अच्छा हुआ कि हमारे एक सीनियर जो मेरे साथ ही नाइट शिफ्ट में नौकरी करते हैं...ने हमें अपनी कार में चलने का ऑफर दे दिया.....कार में हम कुल मिलाकर पांच लोग थे..तीन तो हम यानी मैं विकास और रणविजय..और दो हमारे सीनियर...कार में कुछ दूर चलने के बाद सिचुएशन ऐसी बनी की रणविजय ने हम सभी को पार्टी देने का ऑफर दे दिया....बाहर बारिश और तेज हो चली थी..हम रिंगरोड से मेडिकल की ओर बढ़ रहे थे...कार की ब्रेक जहां लगी...मेकडोनाल्ड का पीला वाला स्टायलिश M दिखाई दिया...मैं भी विकास और रणविजय के साथ अंदर दाखिल हो गया...काउंटर पर पहुंचते ही एक सुन्दरी ने मुस्कुराकर हमलोगों का स्वागत किया..लेकिन वो बिल्कुल प्रोफेशनल था.. इसलिए ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं थी...विकास ने बर्गर ऑर्डर किया...और कोलड्रिंक भी...बर्गर की कीमत सुनकर ही कोलड्रिंक की प्यास मिट गई....पैसे मेरे जेब से भले ना गये हों...लेकिन मन जरूर भारी हो रहा था...मैं अपराध बोध महसूस करने लगा...खुद को कोसने भी लगा कि क्यों आ धमका... वैसी जगह जो मेरी लिए नहीं थी..हमें यकीन नहीं हो रहा था कि हम उसी देश में थे जहां की 77 फीसदी आबादी रोजाना 20 रूपया से कम पर गुजारा करती है..मैकडोनाल्ड से निकलने के बाद बर्गर के स्वाद ने जरूर मन की करवाहट को थोड़ा दूर किया...लेकिन अगर लंबे समय तक इस दुर्घटना को याद रखूंगा तो सिर्फ 85 रूपये के बर्गर के लिए.....

1 comment:

  1. हम्म!! अब ऐसी सब जगह तो पैसों का ही खेल हैं भाई..क्या किजियेगा.

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