Tuesday, August 24, 2010

ये हमारे देश में क्या हो रहा है ?

ये अपने देश में क्या हो रहा है?….बात झारखंड से शुरू करते हैं...जहां के लगभग 2 हजार किसानों ने अपनी जिंदगी से तंग आकर सुप्रीम कोर्ट से मौत की मांग कर दी...बुदेंलखंड में लोग घास की रोटी खाने को मजबूर है...जहां हो रही मौत की खबर राष्ट्रीय पटल पर नहीं आ पाती....ऐसे नाजूक हालात में भी माननीय सांसद अपना वेतन बढ़ाने में लगे हैं...और बेशर्मी देखिए...वेतन में तीन सौ फीसदी की बढ़ोतरी भी उन्हे कम लग रहा है....वहीं दूसरी औऱ दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार ने गरीबी की एक नई परिभाषा दे दी है...जिसमें 70 रूपये प्रतिदिन कमाने वाले लोग गरीबी रेखा के नीचे नहीं आते....
आज आम गरीब लोगों की जान इतनी सस्ती हो गई है...कि सैकड़ों लोगों की मौत की चीख तबतक सुनाई नहीं पड़ती...जबतक पूरे देश में सरकार की थू थू नहीं होने लगे...बंगलौर शिविर में भी तो यही हो रहा है...लोग बदहाली में जान दे रहे हैं लेकिन सरकार इसे सामान्य मौत बता कर कन्नी काट रही है.....ऐसे में अगर कोई आदमी तंग आकर हथियार उठा लेता है...तो हम एक साथ उसे गलत करार दे देते हैं...मैं भी उसे पूरी तरह सही नहीं मानता...लेकिन उसके मन में घर कर रहे असंतोष को समझने की जरूरत है...क्योंकि ये असंतोष देश के करोड़ो मन में बारूद का रूप ले रहा है...

2 comments:

  1. इतनी बेशर्म सरकार ओर इतने बेशर्म और भ्रष्ट लोग हमने अपने जीवन में कभी नहीं देखा ,ये लोग इंसान नहीं हैवान हैं और इनको सिर्फ पैसे की भूख है इनके लिए किसानों और इंसानों की जिन्दगी की कोई अहमियत नहीं है ...

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  2. अब उन्हें गद्दी पर बैठाया है तो अपनी करनी का फल तो भोगना ही पड़ेगा...:)

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